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सैलाना बस स्टैंड क्षेत्र स्थित श्री अखण्ड ज्ञान आश्रम पर संगीत मय श्रीमदभागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव
रतलाम में श्री स्वामी ज्ञानानंद जी के 34वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर चित्रकूट पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में श्री अखंड ज्ञान आश्रम, सैलाना बस स्टैंड क्षेत्र में संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ अमृत महोत्सव का आयोजन हुआ।
इस कार्यक्रम के दौरान कथा व्यास परम पूज्य पंडित मोहनलाल दुबे ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री, वेद, गुरु और राजा यदि किसी को प्रसन्न करने के लिए केवल मधुर वचन बोलते हैं, तो उस राज्य का शीघ्र पतन हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि मृत्यु लोक में जितना अधिक सुख की इच्छा की जाती है, उतना ही अधिक दुख निकट आता है।
अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जो स्त्री गृहकार्य में आलस्य करती है, उसके घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता और उसे अपने पति का स्नेह भी प्राप्त नहीं होता। उन्होंने समाज में व्याप्त प्रवृत्तियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम जीते जी अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते, उनकी सेवा नहीं करते, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके नाम पर बड़े भोज का आयोजन करते हैं, जो भगवान को प्रसन्न नहीं करता। अतः हमें अपने बुजुर्गों का जीवनकाल में सम्मान करना चाहिए।
रिश्तों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि संसार में कोई किसी का नहीं होता, भाई-बंधु, कुटुंब और समाज के सभी संबंध क्षणिक होते हैं, इसलिए हमें परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। उन्होंने लोभ को जीवन का सबसे बड़ा पाप बताते हुए कहा कि मनुष्य को काम, क्रोध और लोभ का त्याग करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कामना रहित भक्ति ही ईश्वर की सर्वोत्तम भक्ति है, संतों का संग मोक्ष की पहली सीढ़ी है, जबकि दुष्टों का संग नरक की पहली सीढ़ी है। मनुष्य को शीघ्र ही मन, तन, धन और इंद्रियों को भगवान और भक्ति में लगाना चाहिए, अन्यथा यह शरीर संसार की बुराइयों में फंस जाएगा।
कथा के प्रारंभ में परीक्षित कैलाश जाट, कलाबाई जाट और जाट परिवार ने पोथी पूजन किया। कार्यक्रम के अंत में आरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरित की गई।
आश्रम व्यवस्थापक स्वामी देव स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से आयोजित होगी। इस अवसर पर अवधेशानंद महाराज (ओंकारेश्वर), अच्युतानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज (हरिद्वार), नील भारती महाराज (धराड), वासुदेवानंद महाराज (उज्जैन) सहित कई गणमान्य संत एवं नागरिक उपस्थित थे।
इसके साथ ही, आश्रम परिसर में डॉ. रामेंद्र गुप्ता और डॉ. नैंसी गुप्ता के सहयोग से नागरिकों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें निशुल्क ब्लड प्रेशर, शुगर उपचार और फिजियोथेरेपी की सुविधा दी जा रही है।
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